इश्क़ शायरी

दिल की हसरत मेरी जुबान पे आने लगी,
तूने देखा और ये ज़िन्दगी मुस्कुराने लगी,
ये इश्क़ की इन्तहा थी या दीवानगी मेरी,
हर सूरत में सूरत तेरी नजर आने लगी।

 

 

2 thoughts on “इश्क़ शायरी”

  1. मयस्सर बाक़ी है मयकदे में अभी तलक
    इरादे नेक हैं पर ख़्वाहिशें बाकी हैं अभी तलक

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